V.S Awasthi

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एक रंग प्यार का


लधुकथा

एक रंग प्यार का
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लाल, हरा, नीला, पीला होली के रंग हजार
उन सबसे पक्का एक रंग राधा, कान्हा का प्यार
राधा, कान्हा के प्यार का रंग हर रंग से सुन्दर
सबके दिलों को भाये बसे हर दिल के अन्दर
सारे रंग धुल जायें रहें बस कुछ ही पल तक
प्यार का रंग लग जाये रहे वो अन्तिम क्षण तक
 प्यार की जब बंशी बजे गोपी, ग्वाले आ जांय
मानव तो मानव रहे पशु, पक्षी भी खिंच आंय
प्यार के रंग में मीरा रंग गई दिल में लिया बसाय
गरल का प्याला गले लगाया गिरधर ने लिया बचाय
प्यार के रंग में रंगे हैं सब मथुरा, ब्रज के नर नारी
एक प्यार का रंग है जग में सभी रंगों पर भारी
होली है त्योहार प्यार का रंगोत्सव कहलाये
नफरत, द्वेष, बैर को तज कर 
सबको गले लगाये
पथिक भी होली पर्व को हरदम प्यार के रंग से खेले
सबको गले लगाकर दिल में प्यार सभी का पा ले


विद्या शंकर अवस्थी पथिक कल्यानपुर कानपुर

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1 Comments

Ekta shrivastava

18-Feb-2022 11:13 AM

Nice

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